भारत एक अत्यंत विविधता-पूर्ण देश है, जहाँ अनेक धर्मों और संस्कृतियों का समागम है। यहाँ की धार्मिक विविधता दुनिया में अनोखी है और यह देश धर्मनिरपेक्षता की मिसाल पेश करता है। भारत में प्रमुख धर्मों में हिंदू धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म शामिल हैं। इन धर्मों के बीच आपसी सम्मान और सहिष्णुता की भावना भारतीय समाज के मूल तत्वों में से एक है। आइए जानते हैं भारत में प्रचलित प्रमुख धर्मों के बारे में।
धार्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर |
हिंदू धर्म (Hinduism)
हिंदू धर्म भारत का सबसे प्रचलित धर्म है, जो लगभग 79.8% भारतीयों द्वारा अनुसरण किया जाता है। यह धर्म विविधता और सहिष्णुता का प्रतीक है, जो विभिन्न आस्थाओं और विश्वासों को सम्मान देता है। हिंदू धर्म में एक नहीं बल्कि कई देवताओं की पूजा की जाती है, और विभिन्न धार्मिक पथों को अपनाने की स्वतंत्रता होती है। इसके केंद्रीय तत्त्वों में कर्म, पुनर्जन्म, मोक्ष और देवी-देवताओं की पूजा प्रमुख हैं। हिंदू धर्म का गहरा संबंध भारतीय संस्कृति, परंपराओं और त्योहारों से है, जैसे दीवाली, होली, दुर्गा पूजा, आदि।
इस्लाम (Islam)
भारत में लगभग 14.2% लोग इस्लाम धर्म का पालन करते हैं, जो इसे देश का दूसरा सबसे बड़ा धर्म बनाता है। इस्लाम की स्थापना 7वीं शताब्दी में अरब प्रायद्वीप में पैगंबर मुहम्मद द्वारा की गई थी। इस्लाम में एक भगवान (अल्लाह) की पूजा की जाती है, और इसके पांच स्तंभ – शहादत (विश्वास), नमाज (प्रार्थना), ज़कात (दान), रोजा (व्रत) और हज (पवित्र यात्रा) – मुसलमानों के जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। भारत में मुस्लिम समुदाय का योगदान सांस्कृतिक, साहित्यिक, और स्थापत्य क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण रहा है, जैसे दिल्ली के लाल किला, ताज महल आदि।
ईसाई धर्म (Christianity)
ईसाई धर्म भारत में लगभग 2.38% लोगों द्वारा अपनाया गया है। ईसाई धर्म की स्थापना यीशु मसीह के उपदेशों पर आधारित है, जो 1st शताब्दी CE में जन्मे थे। ईसाई धर्म में विश्वास है कि यीशु मसीह परमेश्वर के पुत्र हैं और उन्होंने मानवता के पापों को मुक्त करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। भारत में ईसाई समुदाय का इतिहास लगभग 2,000 साल पुराना है और यह भारत के कई हिस्सों में खासतौर पर केरल, गोवा, और उत्तर-पूर्व भारत में व्यापक रूप से प्रचलित है। क्रिसमस और ईस्टर जैसे त्योहार भारतीय समाज में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
सिख धर्म (Sikhism)
सिख धर्म भारत के पंजाब क्षेत्र में 15वीं शताब्दी में गुरु नानक द्वारा स्थापित किया गया था। सिख धर्म का मुख्य विश्वास एक ईश्वर (वਾਹेगुरु) में है और यह ध्यान, सेवा और भक्ति पर आधारित है। सिख धर्म में गुरु ग्रंथ साहिब को सर्वोत्तम धार्मिक ग्रंथ माना जाता है। सिख समुदाय का जीवन सेवा, समानता और भाईचारे के सिद्धांतों पर आधारित है। सिख धर्म के अनुयायी भारतीय समाज में अपनी सेवा और वीरता के लिए प्रसिद्ध हैं, और उन्हें उनके पवित्र स्थानों जैसे अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के लिए सम्मानित किया जाता है।
बौद्ध धर्म (Buddhism)
बौद्ध धर्म भारत में उत्पन्न हुआ था, और यह ग Gautama Buddha के उपदेशों पर आधारित है। यह धर्म लगभग 5वीं शताब्दी BCE में बिहार के मगध क्षेत्र में उत्पन्न हुआ था। बौद्ध धर्म का मुख्य उद्देश्य जीवन के दुखों से मुक्ति प्राप्त करना और निर्वाण की अवस्था तक पहुँचना है। इसके प्रमुख सिद्धांतों में चार आर्य सत्य (दुःख, दुःख के कारण, दुःख का नाश, और दुःख से मुक्ति का मार्ग) और आठfold मार्ग (सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक कर्म, आदि) शामिल हैं। बौद्ध धर्म का प्रभाव आज भी भारतीय समाज और संस्कृति में बना हुआ है।
जैन धर्म (Jainism)
जैन धर्म एक प्राचीन धर्म है, जिसका अस्तित्व बौद्ध धर्म के समकालीन है। जैन धर्म का मुख्य सिद्धांत अहिंसा (non-violence) है, और इसके अनुयायी सभी जीवों के प्रति अत्यधिक करुणा और सम्मान रखते हैं। जैन धर्म का विश्वास है कि ब्रह्मांड न तो किसी ईश्वर द्वारा रचित है और न ही इसका अंत होगा। जैन धर्म के अनुयायी आत्मा के मोक्ष के लिए तपस्या, अनुशासन और आत्म-नियंत्रण का पालन करते हैं। जैन धर्म का भारत में महत्वपूर्ण स्थान है, और इसके कई धार्मिक स्थल जैसे समेत शिखर और द्रविणी शिखर भारत में प्रसिद्ध हैं।
निष्कर्ष
भारत की धार्मिक विविधता उसकी सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा है। यहाँ हर धर्म और समुदाय का अपना एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक योगदान है, जो भारतीय समाज को समृद्ध और गतिशील बनाता है। धार्मिक सहिष्णुता, आस्था की स्वतंत्रता, और आपसी सम्मान की भावना भारत की एकता और विविधता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारतीय समाज में विभिन्न धर्मों के अनुयायी अपने-अपने विश्वासों और परंपराओं के माध्यम से एक समृद्ध और सहनशील समाज की दिशा में योगदान करते हैं।